सुबह होने पर सूर्य की किरणें धरती पर आती हैं और उजाला फैलता है।
किरण का काम सोते बच्चों को जगाना और उजाला फैलाना है।
कविता में ‘वहाँ’ का संकेत सूर्य की दुनिया की ओर है।
यदि किरण न आए तो धरती पर अंधेरा ही अंधेरा रहेगा और जीवन प्रभावित होगा।
पेड़ पर गिलहरी और चिड़ियाँ अपने आप आती हैं क्योंकि वहाँ उन्हें घर और भोजन मिलता है।
पेड़ की छाया में खेलने से ठंडक मिलती है और अच्छा लगता है।
सूरज की किरणें हमें प्रकाश और ऊर्जा देती हैं।
पेड़ लगाने से छाया, फल, ताजी हवा और पशु-पक्षियों का घर मिलता है।
पेड़ बच्चों को खेलने की जगह, छाया और ताजगी देते हैं।
कहानी सिखाती है कि पेड़ लगाने से हमें प्रकृति का सुख और अनेक लाभ मिलते हैं।
किरण बच्चों से उठने को कहती है ताकि वे पढ़ाई और खेल के लिए तैयार हों।
किरण के आने से कमरे में उजाला और चमक भर जाती है।
पेड़ हमें धूप और गर्मी से बचाते हैं।
पेड़ के पास बच्चों को अच्छा लगता है क्योंकि वहाँ ठंडक, छाया और खेल की जगह मिलती है।
पक्षी और गिलहरी पेड़ को अपना घर बना लेते हैं।
पेड़ का असली जादू यह है कि वे हमें फल, फूल, छाया और ताजी हवा देते हैं।
अगर पेड़ न हों तो हमें छाया, फल, ताजी हवा और पक्षियों का घर नहीं मिलेगा।
पेड़ बच्चों को खेलने की जगह और ठंडी छाया देते हैं।
किरण बच्चों के जीवन में आशा, ऊर्जा और नई शुरुआत लाती है।
कहानी बच्चों को सोचने पर मजबूर करती है कि पेड़ हमारे जीवन में कितने उपयोगी हैं।
उजाला का विलोम शब्द अंधेरा है।
दिन का विलोम शब्द रात है।
छाया का अर्थ है किसी पेड़ या चीज़ से मिलने वाली ठंडी जगह।
यदि सूरज न निकले तो धरती पर अंधेरा और ठंडक छा जाएगी और जीवन कठिन होगा।
पेड़ों के बिना हवा, छाया, फल और पशु-पक्षियों का घर सब खत्म हो जाएगा।
पेड़ फल, फूल, छाया और ताजी हवा देकर हमारे जीवन साथी बनते हैं।
किरण बच्चों को पढ़ाई, खेल और जीवन में नई शुरुआत के लिए जगाती है।
यह बच्चों को सोचने पर प्रेरित करता है कि पेड़ हमारे जीवन में कितने जरूरी हैं।
दोनों मिलकर सिखाती हैं कि प्रकृति जीवन के लिए जरूरी है और हमें उसकी कद्र करनी चाहिए।